दोस्तों, अगर आपको स्कूल या फिर जानवरों को रखने के लिए किसी आश्रम को खोलना होगा तो कैसे खोलेंगे। या फिर बच्चों के खेलने के लिए एक मंच प्रदान करना चाहते है तो कैसे करेंगे, आखिर इसके नियम कानून क्या है ? हम इस स्कूल,आश्रम या फिर खेल के मंच को बिजनेस के तौर पर प्रयोग करना चाहते हैं तो कैसे करेंगे। शायद ही है कि इसके बारें में आपको पता होगा। खैर, यह सब करने के लिए आपको कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत एक कंपनी स्थापित करने की आवश्यकता है।

यह लेख आप (www.legalraasta.com ) पर पढ़ रहें है। हम बताएँगे  कि कंपनी अधिनियम की धारा 8 के तहत सभी कंपनियों को कैसे तैयार किया जा सकता है। यह धर्मार्थ उद्देश्य (चैरिटेबल ऑब्जेक्ट) के साथ कंपनियों के गठन आदि के बारे में बात करता है, ऐसी कंपनियों को कैसे निगमित किया जाता है और इस धारा के तहत कंपनी को निगमित करने के फायदे क्या है।  Section 8 Company Registration

Legalraasta एक भरोसेमंद संस्था है, जो लगातार विगत कई वर्षों से इस तरह की सेवाए प्रदान कर रहा है।  LEGALRAASTA हमेशा से अपने लोगों के लिए हर तरह की मदद करने के लिए खड़ा रहता है।  अगर आप भी इस तरह की कंपनी को स्थापित करने जा रहें है तो, आपके मार्गदर्शन के लिए LEGALRAASTA सही विकल्प हो सकता है।  जो आपको बताएगा कि आपको कैसे और किस दस्तावेज के साथ यह कंपनी खोलनी है।  इसके लिए जरुरी कौन – कौन सी चीज अति महत्वपूर्ण है  , ऐसी कंपनी खोलने के लिए आपके पास किस तरह की क़ानूनी अधिकार होने चाहिए इत्यादि।

धारा 8 कंपनी क्या है ( What is a Section 8 Company) :-

दोस्तों , हमारे अगल – बगल कुछ ऐसी कंपनियां होती है,जो फायदा नहीं कामना चाहती।  उन्हें किसी भी लाभ की लालसा नहीं होती।  ऐसी कंपनियों को हम non-profit ऑर्गेनाइजेशन कहते है। ऐसे ऑर्गेनाइजेशन SECTION 8 COMPANY के अंतर्गत आती है। साधारण भाषा में कहें तो ऐसी कंपनी जिसका उद्देश्य पैसा कमाना ना होकर कला, दान , धर्म , खेल , पर्यावरण , अनुसंधान  जैसे क्षेत्रों को तरक्की दिलाना है| जिससे कि देश की आर्थिक तरक्की के साथ-साथ इन क्षेत्रों में भी तरक्की हो सके| वह कंपनियां धारा 8 की कंपनी कहलाती है।

कुछ समय पहले इन कंपनी को धारा 25 कंपनी के नाम से जानते थे। लेकिन बाद में इसे बदलकर धारा 8 कर दिया गया।  धारा 8 कंपनियां गैर-लाभ संगठनों (एनपीओ) या गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए एक कानूनी रूप हैं। धारा 8 कंपनी के पास देश में कहीं भी काम करने का अधिकार है। अब तो आपको समझ में आगया गया होगा कि SECTION 8 COMPANY क्या है। हम  इन सभी तरह के ऑर्गेनाइजेशन को आगे बढ़ानें में मदद करते है। आप हमारी ऑफिस में आकर अनुभवी टीम के द्वारा और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।

Section 8 company क्यों बनाई जाती है?

Section 8 Company Registration

आपको ऊपर हमने बताया कि यह ऐसी कंपनियां होती है, जिनका मकसद केवल समाज को लाभ पहुंचना होता है। यह अपने हित या फायदें के बारें में नहीं सोचती है।  यह अपने सदस्यों को किसी भी लाभांश के भुगतान को प्रतिबंधित करने का इरादा रखता है। इसे लिमिटेड कंपनी की कैटेगरी में तो रखते हैं परंतु सेक्शन 8 कंपनी के नाम के आगे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या पब्लिक कंपनी नहीं लगा होता|इसे लाइसेंस कंपनी भी कहा जाता है| सेक्शन 8 कंपनी को बनाने के लिए  केंद्र सरकार से पूर्व अनुमोदन (Prior Approval) लिया जाता है| सरकार द्वारा इसे बनाने के लिए एक लाइसेंस दिया जाता है|  इस लाइसेंस को ROC में रजिस्ट्रेशन के लिए जमा किया जाता है| इसके उपरांत ही सेक्शन 8 कंपनी का उदय होता है| आप अगर SECTION 8 कंपनी खोलने की सोच रहें है तो  हम आपकी सभी तरह से मदद करेगा।  हमारी कंपनी बहुत ही आसान तरीके से आपको सरकार से इसका अनुमोदन भी दिलवा सकती है।

सेक्शन 8 कंपनी को बनाने के क्या फायदे होते हैं?

सेक्शन 8 कंपनियां बहुत ही आसानी से बन जाती है। सरकार इसका लाइसेंस भी बड़ी आसानी से दे देती है।  क्यूंकि ऐसी कंपनियां लोगों को रोजगार देनें के साथ -साथ समाज के हित के बारें में भी सोचती है।  इसलिए इसका APPROVAL लेने में कोई दिक्क्त नहीं होती।  ऐसी कंपनिया लोगों के बीच में अच्छे समाज का निर्माण करती है। ऐसी कंपनी में न्यूनतम शेयर होल्डर की संख्या दो निर्धारित की गई है| इन कंपनी को टैक्स में भी छूट मिलती है। सेक्शन 8 कंपनी पर कोई केस कर भी सकता है तथा सेक्शन 8 कंपनी भी किसी पर केस कर सकती है| इसमें विदेशी फंड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है|

कंपनी पंजीकरण के लिए दस्तावेज :-

 कंपनी-पंजीकरण

किसी भी कंपनी के पंजीकरण के लिए सबसे ज्यादा जरुरी कुछ चीज है, तो वह है लीगल दस्तावेज।  क्यूंकि अगर आपने सही तरीके से लीगल दस्तावेज नहीं लगाए है तो आपका पंजीकरण रोका जा सकता है। इसलिए जरुरी है की आप सही और लीगल दस्तावेज के साथ ही आवेदन करें।  LEGALRAASTA की टीम आपको पंजीकरण करवाने में सभी तरह से मदद करेगी।  हमारी प्रशिक्षित टीम आपके दस्तावेज के निर्धारण भी कर देगी।  लेकिन इसके लिए आपको हमारे दफ्तर में आना होगा या फिर आप हमारे दिए हुए नंबर (+91-8750008585) पर भी संपर्क कर सकते है।  यहाँ हम आपको दस्तावेज से जुडी सभी तरह  की जानकारी प्रदान करेंगे।

 

  1. पैन कार्ड की कॉपी
  2. यूटिलिटी बिल
  3. पता प्रमाण
  4. 2 पासपोर्ट साइज फोटो

धारा 8 कंपनी पंजीकरण की प्रक्रिया :-

LEGALRAASTA बहुत समय से कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के लिए भी काम कर रहीं है। आप हमारी टीम के साथ जुड़कर इसके पंजीकरण की प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते है, या फिर आप हमारी वेबसाइट (www.legalraasta.com ) पर भी जाकर आवेदन कर सकते है। हमारी कंपनी कागजात पूरा करने, नाम, लोगो या ट्रेडमार्क डिजाइनिंग, ट्रेडमार्क पंजीकरण इत्यादि की उपलब्धता और खोज के अधिकार से , जबकि आप व्यवसाय के अधिक दबाव वाले मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। किसी भी प्रश्न के लिए, आप हमारी वेबसाइट  (www.legalraasta.com )या फिर हमारे दिए हुए नंबर (+91 – 8750008585) पर भी संपर्क कर सकते हैं और संबंधित विषयों पर सलाह ले सकते हैं।

पंजीकरण के समय यह ध्यान देना होगा कि  धारा 8 कंपनी का नाम फाउंडेशन, एसोसिएशन, फोरम, फेडरेशन, कन्फेडरेशन, काउंसिल आदि शब्दों से समाप्त होना चाहिए। नाम अनुमोदन प्रक्रिया में 24 से 72 घंटे तक का समय लगता है।  हम खोज, चयन और कंपनी के लिए एक अद्वितीय नाम के लिए आवेदन करते हैं। नाम उपलब्धता को “रिज़र्व यूनिक नाम” या RUN सुविधा में जाँचना होगा। धारा 8 कंपनी के नाम में फाउंडेशन, फोरम, चैंबर्स, परिसंघ, परिषद, इलेक्टोरल ट्रस्ट आदि शामिल होंगे। आप अपनी प्राथमिकताएँ सुझाते हैं । 3 विकल्पों के आपके अनुमोदन के बाद, हम आपकी कंपनी के लिए एक अद्वितीय नाम के लिए आवेदन करेंगे। धारा 8 कंपनी को पंजीकृत करने की अवधि बहुत लंबी नहीं है। वास्तव में, धारा 8 कंपनी को पंजीकृत करने में आमतौर पर लगभग 2O-25 दिन का समय लगता है।

फार्म अप्लाई करवाते समय महत्वपूर्ण सरकारी कागजात :- 

कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए कई तरह के कागजात बनवाने पड़ते है।  जिसमें कुछ यहाँ दिए जा रहें है।  1.   SPICE+ BHAAG A नाम के आवेदन के लिए प्रयोग में लाया जाता है।   2.    SPICE+ BHAAG B निगमन आवेदन के लिए प्रयोग किया जाता है।   3. इसके साथ – साथ जीएसटी और कर्मचारी राज्य बीमा पंजीकरण और बैंक खाता खोलने के लिए प्रपत्र की जरुरत होती है।   4.  प्रारूप में MOA तैयार करते है  और अधिनियम की अनुसूची 1 में तालिका ‘एफ’ के अनुसार इसको भर कर आगे की प्रक्रिया के लिए भेज देते है।

निष्कर्ष :-

आप यह जानकरी Legalraasta ( www.legalraasta.com ) पर पढ़ रहें थे। शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खेल प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) आदि के मामले में भारत अभी भी कई क्षेत्रों में पीछे है। ये पहलू कई गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। ये  समाज के विकास के पीछे प्रेरक शक्ति हैं। कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत निगमित कंपनियां समाज की बेहतरी के लिए एक लंबा रास्ता तय करती हैं। अधिक लोगों को समाज की मदद करने के लिए प्रेरित करने और पहले से ऐसा करने वालों को पुरस्कृत करने के लिए, धारा 8 के तहत एक कंपनी का निगमन एक बहुत ही सुविधाजनक प्रक्रिया है। इसमें बहुत अधिक समय नहीं लगता है और यह बहुत सारे फायदे और आराम के मानदंडों के साथ आता है। आपको केवल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप सही फॉर्म भरते हैं और सही दस्तावेज रखते हैं, जिससे आप धारा 8 कंपनी को आसानी से निगमित कर सकते हैं।

हमें आशा है कि हमारे द्वारा दी हुई यह जानकारी आपको समझ में आ गयी होगी। आपके SECTION 8 से जुड़े किसी भी काम के लिए LEGALRAASTA सदैव आपके साथ है।  हमारी कंपनी विगत कई वर्षों से आपके विश्वास पर खरा उतर रही है।  हमारी विश्वशनीय टीम को कई पर इसके लिए सम्मानित भी किया गया है।